Wednesday, 9 October 2013

Dear friends,

This is my first attempt to  write poems in Hindi in Face book and blog.I am trying to bring out those lines in to life which I have scribbled here and there in my note books since my childhood/ teenage .Please pardon me if there is any mistakes,as I am not a native speaker of the language used to create it.]

सचा प्यार I" [यह शायरी लिखा हे मायाराजेश ,शारजा से - तिथि: १०-अकतूबर -२०१३] [This poem is written by Mayarajesh, Sharjah- 
Date: 10-October-2013]

सचा प्यार I “

जब जब में तुजे देखती हूँ
तब तब मेरे दिल में यह हयाल आती है
तुम गए हो मेरेलिए 
सिर्फ मेरेलिए इस दुनिया में 

जब में थी सिर्फ नौ साल की एक बालिका 
तब से में जान चुकी थी कि
तुम हो ,तुम ही हो, मेरा भविष्य,
मेरी पूजा और मेरी अपनी ज़िन्दगी भी

जब से में ने देखा तुज्को 
ज़िन्दगी में पहली बार 
जान चुकी थी में कि 
तुम ही हो, सिर्फ तुम ही हो,
मेरा जीवन और जीवन साथी भी
जाने किसने बताया हो मुजको 
इतनी छोटी उम्र में ही 
कि बनोगे तुम मेरे अपने 
हमेशा हमेशा केलिए

आज तुजको अपना पा कर 
स्वस्थ खुश हूँ में तन मन से
शुक्रिया कैसे करूँ में खुदा की
जिसने देखा संभाला, अनमोल-
मोती जैसे हमारे प्यार को

सचे दिल से जो करता हे प्यार
सच्चा होता हे जिसके प्यार 
वह जीत ही जाता हे आखिर 
किसी तूफ़ान से टकरा कर भी 

जो सचा प्यार करता हे 
जो प्रेमी सचा होता हे 
वह डरता नहीं दुनिया से भी
आंधी से या तूफ़ान से 

वही जीत पा जाता हे 
प्यार के उस दुनिया में ,
और खुदा के सामने भी
वह हमेशा मिल ही जाता हे 
अपने सचे प्रेमी से-
जनम जन्मों के साथी से I

अमर रहेगा उन का प्यार
जो करता हे सच्चे दिल से प्यार I
बिना सोच के अपने का -

करता हे भला दूसरों को I

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